XV Finance Commission having put in place huge resources for mitigation, you need to be well acquainted with Mitigation Fund Guidelines to avail benefit of these and ensure disaster resilience.
आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति मानेंगे कि वह लम्बे समय से निरन्तरता में हो रही आपदाजनित क्षतियो के समाज व आर्थिकी पर पड़ने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभावों के साथ ही इनके सम्पत्ति, अवसंरचनाओं, विकास कार्यो, सरकारी खजाने तथा विकास कि गति पर पड़ने वाले दूरगामी प्रतिकूल प्रभावों का गहनता से विश्लेषण कर अपने वक्तव्यों, भाषणों व प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से सामान्यतः आपदा उपरान्त किये जाने वाले राहत, पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यो के साथ-साथ आपदा पूर्व रोकथाम, न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करने की वकालत करते चले आ रहे हैं।
अब ऐसा भी नहीं हैं कि आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में क्रियान्वयन से जुड़े परामर्शदाता, विशेषज्ञ, अधिकारी व अन्य आपदा घटित होने से पहले किये जाने वाले कार्यो का महत्त्व नहीं समझ पा रहे थे। पर उनकी अपनी अलग मजबूरी थी – काम की जरूरत व महत्व को तो वह पूरी तरह स्वीकारते थे, पर धरातल पर उन्हें करने के लिये वित्तीय संसाधन ही उपलब्ध नहीं थे।
जी हाँ, अभी हाल तक आपदा पूर्व किये जाने वाले इन सब कार्यो के लिये संस्थागत रूप में आर्थिक संसाधन उपलब्ध थे ही नहीं। जो था तो केवल आपदा उपरान्त राहत एवं बचाव के लिये। सो ज्यादातर स्तिथियो में आपदा प्रभावितो को अनुमन्य राहत बाँट कर इतिश्री कर लेने के आलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था।
आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 के द्वारा धारा 47 व 48 के अन्तर्गत राष्ट्र व राज्य के साथ ही जनपद स्तर पर राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (National Disaster Mitigation Fund; NDMF), राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (State Disaster Mitigation Fund; SDMF) तथा जनपद आपदा न्यूनीकरण कोष (District Disaster Mitigation Fund; DDMF) स्थापित किये जाने की व्यवस्था की गयी थी और यह आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिये निश्चित ही उत्साहवर्धक भी था, परन्तु वित्त आयोग व सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद भी लम्बे समय तक इस पर अमल न किये जाने से हताशा का होना स्वाभाविक था।
फिर 13वे वित्त आयोग द्वारा क्षमता विकास हेतु की गयी थोड़ी बहुत व्यवस्था को आगे बढ़ाने या बने रहने देने पर 14वे वित्त आयोग का ध्यान ना देना भी निराशाजनक ही था।
ऐसे में 15वे वित्त आयोग की संस्तुतियों को हमेशा उसके द्वारा संस्तुत क्रन्तिकारी परिवर्तनों के लिये याद किया जायेगा। 15वे वित्त आयोग के द्वारा पहली बार आपदा पूर्व न्यूनीकरण तथा क्षमता विकास के साथ ही आपदा उपरान्त पुनर्प्राप्ति व पुनर्निर्माण के लिये भी संस्थागत वित्तीय व्यवस्था की संस्तुति जो की गयी।
संस्तुति भी हो गयी, और समय बीतने के साथ संस्तुतियों के आधार पर औपचारिक रूप से जनपद स्तर पर ना सही, पर राष्ट्र व राज्य के स्तर पर तो न्यूनीकरण कोष (NDMF/SDMF) अधिसूचित भी हो गये। साथ ही इनके अन्तर्गत संस्तुत पैसा भी आ गया; पर सरकार में और जो हो, खर्च नियम-कानून व दिशानिर्देश के बिना होता नहीं और इन सब को औपचारिक रूप से प्रख्यापित होने में निश्चित ही समय लगता हैं – अतः गृह मंत्रालय, भारत सरकार के स्तर से राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के संचालन से सम्बन्धित दिशानिर्देश औपचारिक रूप से 14 जनवरी 2022 को ही जारी हो पाये।
पर इस सब को भी एक साल बीत गया हैं और इसके बाद भी इन दिशानिर्देशों को ले कर आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र से जुड़े ज्यादातर व्यक्ति संशय में ही हैं।
ऐसे में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा निर्गत दिशानिर्देशों की विवेचना करना तो बनता हैं।
State Disaster Mitigation Fund – राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष
- गृह मंत्रालय, भारत सरकार के स्तर से आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 48 (1) (c) के अन्तर्गत निर्दिष्ट प्रावधानों के अनुरूप विशेष रूप से गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित आपदाओं के सन्दर्भ में न्यूनीकरण उपाय किये जाने के उद्देश्य से राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष को राज्य सरकार के लेखा में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के नाम से लोक लेखा के अन्तर्गत ब्याज अर्जित करने वाली आरक्षित निधि के मुख्य शीर्षक 8121 – सामान्य एवं अन्य आरक्षित निधि – राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत गठित किये जाने की व्यवस्था
- कोष की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय तथा समुदाय आधारित हस्तक्षेपों व क्रिया-कलापो के माध्यम से पर्यावरण अनुकूल बसावत तथा आजीविका के प्रोत्साहन से सम्बन्धित प्रयोजनों हेतु किये जाने वाले कार्यो को प्रोत्साहित व वित्तपोषित करना तथा विकास की नियमित योजनाओ से आच्छादित होने वाली समुद्री भू-क्षरण, बाढ़ सुरक्षा व सूखा न्यूनीकरण जैसी बड़ी परियोजनाओं को इसके अन्तर्गत सम्मिलित नहीं किया जाना
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से विचार-विमर्श कर राज्य में न्यूनीकरण योजनाओ के क्रियान्वयन के उद्देश्य से इस कोष के संचालन का उत्तरदायित्व राज्य कार्यकारी समिति (SEC) को
- न्यूनीकरण योजनाओ के मूल्यांकन, अनुश्रवण व परिवीक्षण राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का उत्तरदायित्व को
- नियोजित न्यूनीकरण उपाय निश्चित ही संरचनात्मक या गैर-संरचनात्मक हो सकते हैं और गैर-संरचनात्मक न्यूनीकरण उपायों के अन्तर्गत व्यावहारिक व परम्परागत ज्ञान, जानकारी, नियम-कानून, विधीय व्यवस्था, जन जागरूकता तथा प्रशिक्षण व क्षमता विकास से सम्बन्धित उपायों का क्रियान्वयन संस्तुत
- नियत व्यवस्था के अनुरूप राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि का निवेश करना राज्य सरकार का उत्तरदायित्व
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के माध्यम से केन्द्र सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों (Central Government dated Securities), निलामित कोषागार बिल (Auctioned Treasury Bills) तथा बैंको के ब्याज अर्जित करने वाले उपकरणों में निवेश की व्यवस्था
- निवेश सुनिश्चित करने के उत्तरदायित्व राज्य कार्यकारी समिति (SEC) पर
- निवेश न कर पाने की स्थिति में राज्य सरकार को निवेश न की गयी धनराशि पर छमाही आधार पर भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) के ओवरड्राफ्ट नियंत्रण मार्गनिर्देशों के अनुरूप राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के पक्ष में ब्याज का भुगतान के प्रावधान
- वित्तीय वर्ष 2025-26 तक प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अन्त में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि को अगले वित्तीय वर्ष में हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था
- वित्तीय वर्ष 2025 – 26 की समाप्ति पर कोष के अन्तर्गत अवशेष धनराशि के सम्बन्ध में पृथक निर्गत होने वाले दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की व्यवस्था
वित्तपोषण सम्बन्धित व्यवस्थाये
- राज्य आपदा जोखिम प्रबन्धन कोष (SDRMF) के 20 प्रतिशत के आधार पर 15वे वित्त आयोग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिये राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत रु 32,031 करोड़ की धनराशि संस्तुत की गयी हैं
- हिमालयी व पूर्वोत्तर राज्यों के लिये केन्द्र सरकार का अंशदान 90 प्रतिशत तथा अन्य सभी राज्यों के लिये 75 प्रतिशत नियत किया गया हैं
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत संस्तुत शेष धनराशि के लिये राज्यों के द्वारा लेखा शीर्षक 2245 के अंतर्गत बजट व्यवस्था करनी हैं
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था के लिये राज्य सरकार पुनर्निर्माण प्रतिभूतियों (Reconstruction Bonds), आकस्मिक ऋण/ अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से रक्षित सुविधा (Contingent Credit / Standby Facilities with International Financial Institutions), क्रियान्वयन सहयोगियों के माध्यम से प्रतिरूप वित्तीय व्यवस्था (Counterpart Funding from Implementing Partners), जनसमूह वित्तपोषण (Crowd Funding) तथा नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के माध्यम से धनराशि जुटाने के लिये स्वतंत्र हैं
- विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन जनित आवश्यकताओं के कारण तेजी से बढ़ रहे आपदा न्यूनीकरण सम्बन्धित कार्यो के विस्तार एवं इनका सामना करने के लिये वांछित धनराशि के परिमाण की असीमितता के दृष्टिगत राज्यों को न्यूनीकरण कोष के अन्तर्गत विशेष रूप से निजी व सार्वजनिक उपक्रमों के साथ ही जन सामान्य से सहयोग प्राप्त करने के लिये विशेष रूप से कोशिश करने का परामर्श दिया जाता हैं
- गृह मंत्रालय के द्वारा राज्य सरकार के स्तर पर उपयुक्त व्यवस्था करते हुवे पूर्वतैयारी व न्यूनीकरण सम्बन्धित कार्यो के लिये जनपदों को वार्षिक आधार पर धनराशि उपलब्ध करवाये जाने तथा आगामी वर्ष का आवंटन करते समय पूर्व के वर्ष में इस मद से किये गये व्यय को संज्ञान में लेने की अपेक्षा की गयी हैं। ऐसा करने से निश्चित ही आपदा न्यूनीकरण सम्बन्धित कार्यो के नियोजन में स्थानीय भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सकेगा
वित्तपोषण हेतु परियोजनाओं का प्रारूप व विस्तार
- भारत सरकार द्वारा अधिसूचित आपदाओं यथा, चक्रवात, सूखा, भूकम्प, आग, बाढ़, सूनामी, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, हिम-स्खलन, बादल फटना, कीट आक्रमण तथा पाला व शीत लहरी के साथ ही, राज्य द्वारा स्थानीय परिप्रेक्ष्य में अधिसूचित आपदाओं से सम्बन्धित न्यूनीकरण परियोजनाये
- राज्य द्वारा स्थानीय परिप्रेक्ष्य में अधिसूचित आपदाओं से सम्बन्धित न्यूनीकरण परियोजनाओं का वित्तपोषण राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के वार्षिक आवंटन के 10 प्रतिशत की सीमा तक अनुमन्य
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के वार्षिक आवंटन का न्यूनतम 10 प्रतिशत गैर-संरचनात्मक उपायों हेतु निर्दिष्ट
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष की 5 प्रतिशत धनराशि नवाचार, तकनीक, सामाजिक नेतृत्व, शोध एवं अध्ययन से सम्बन्धित परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु अनुमन्य
- अवसंरचनाओं, पारिस्थितिकी तंत्र व बसवतो को बचाने के लिये राज्य स्तर के महत्त्व के क्रियाकलापो से सम्बन्धित परियोजनाये
- आपदाओं के जोखिम व प्रभावों को कम करने वाली विधियों के प्रोत्साहन से सम्बन्धित परियोजनाये
- सूचना एवं जानकारियों के प्रचार-प्रसार के माध्यम से समुदाय में आपदा प्रतिरोध्यता का विकास से सम्बन्धित परियोजनाये
- कमजोर आर्थिक-सामाजिक वर्ग के व्यक्तियों के साथ ही महिलाओ व दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन-यापन को सुरक्षित बनाने से सम्बन्धित परियोजनाये
- राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष से वित्तपोषित क्षेत्रीय परियोजनाये
- आपदा न्यूनीकरण सम्बन्धित शोध व अध्ययन से सम्बन्धित परियोजनाये
बाढ़ न्यूनीकरण परियोजनाओं के अन्तर्गत राज्यों के द्वारा निम्नलिखित गैर-संरचनात्मक उपायों को सम्मिलित किया जाना अपेक्षित हैं:
- नदी के जल संग्रहण क्षेत्र को जलविज्ञान की इकाई मानते हुवे समन्वित बाढ़ प्रबन्धन पद्धति का अंगीकरण
- जलाशयों के परिचालन हेतु वास्तविक समय में जल व मौसम सम्बन्धित आंकड़ों के संकलन के साथ ही निर्णय समर्थन तंत्र की व्यवस्था
- नदियों के बाढ़ मैदान क्षेत्रों का चिन्हांकन व सीमांकन तथा उनमें विभिन्न क्रिया कलापो का विनिमियन
प्रतिबन्धित क्रिया कलाप
- किसी भी वित्तीय वर्ष में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के 50 प्रतिशत से अधिक की धनराशि का व्यय सिर्फ किसी एक संकट के लिये नहीं किया जाना हैं
- राज्य के औचित्यपूर्ण लिखित अनुरोध पर राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की उप-समिति की संस्तुति के आधार पर गृह मंत्रालय के द्वारा इस सम्बन्ध में शिथिलता प्रदान करने के प्रावधान
- इस कोष का उपयोग सामान्य पर्वावरण संवर्धन या भूदृश्य सौंदर्यीकरण तथा सरकार की गतिमान योजनाओ व कार्यक्रमों के वित्तपोषण हेतु अनुमन्य नहीं
- सामान्यतः किसी अवसंरचना के रख-रखाव या न्यूनीकरण हेतु अभियांत्रिकी उपायों के वित्तपोषण हेतु इस कोष का उपयोग अनुमन्य नहीं
- कोष का उपयोग नयी परियोजनाओं के विकास व क्रियान्वयन हेतु किये जाने के साथ ही क्रियान्वित न्यूनीकरण उपायों का रख-रखाव अन्य वित्तीय स्त्रोतों से किया जाना अपेक्षित
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष का उपयोग अवस्थापना सम्बन्धित व्ययों; यथा आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण या अन्य किसी कार्यालय के वेतन या कार्यालय व्यय हेतु किया जाना अनुमन्य नहीं
- इस कोष से स्वीकृत परियोजना व्यय में सम्मिलित होने पर परियोजना के अन्तर्गत अनुबन्धित मानव संसाधन का वेतन / मानदेय दिया जाना अनुमन्य
आशा हैं इस आलेख से विशेष रूप से राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) के संचालन के लिये उत्तरदायी अधिकारियो के साथ ही अपने समुदाय को आपदा से सुरक्षित बनाने हेतु योजना बना रही संस्थाओ को भी लाभ होगा और यह इन जानकारियों के उपयोग कर इस कोष का बेहतर उपयोग सुनिश्चित कर पायेंगे।
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