With climate change induced adverse implications becoming increasingly real, the stakes were real high at recently concluded COP 28. Get to know as to what is to be expected from COP 28.
आपदा प्रबन्धन के बाद जलवायु परिवर्तन दूसरा ऐसा विषय है जिसका हर कोई एक्सपर्ट है और गाहे-बहाये अपनी विशेषज्ञ राय देने या टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं चूकता हैं। फिर इस विशेषज्ञता के लिये किसी स्कूल- कॉलेज से पढ़ाई- लिखाई करने की भी खास आवश्यकता नहीं हैं – WhatsApp पर कई कोर्स आसानी से उपलब्ध हैं और वो भी निशुल्क।
ऐसे में State of Fear से प्रभावित व लम्बे समय से तेजी से बढ़ रहे वैश्वित तापमान व जलवायु परिवर्तन को नकार रहे मेरे जैसे स्वघोषित जलवायु वैज्ञानिको के साथ ही सम्पूर्ण मानव जाति को प्रकृति ने विगत दशक में कई गम्भीर चेतावनियां दी हैं; सम्भलने व अपने आचार-व्यवहार पर अंकुश लगाने की।
वैसे तो आसानी से मान लेना हमारी फितरत हैं नहीं, फिर भी ऐसा लगता हैं कि हम में से कुछ ही तेजी से हो रहे वैश्विक परिवर्तनों के प्रभावों की विवेचना कर उनके दूरगामी परिणामो को सच में समझ पा रहे हो। अगर ऐसा न होता तो हमारे स्वयं के अस्तिव पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे इस विषय पर हमें लगातार मंत्रणा के साथ ही परस्पर विरोधाभास का सामना तो काम से काम नहीं करना पड़ता।
अतः इस विषय पर अभी हाल दिसम्बर 2023 में दुबई में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के तत्वाधान में सम्पन्न हितधारकों के 28वे सम्मलेन (COP) के परिपेक्ष में यह समझना जरूरी हो जाता हैं कि असल में हमने क्या पाया, किन बातो पर हम वैश्विक सहमति बना पाये और इस सब के सापेक्ष हम आने वाले वर्षो में अपने भविष्य को ले कर क्या अपेक्षा कर सकते हैं।
इस सम्मेलन का आयोजन मुख्यतः 04 पक्षों पर वैश्विक सहमति के उद्देश्य से किया गया था; (i) ऊर्जा सम्बन्धित निष्पक्ष, व्यवस्थित व न्यायसंगत आदान-प्रदान को त्वरित गति प्रदान करना, (ii) जलवायु सम्बन्धित वित्तीय व्यवस्था को ठोस स्वरुप प्रदान करना, (iii) व्यक्तियों, समुदायों, व जीवनयापन पर ध्यान केंद्रित करना, तथा (iv) प्रत्येक हितधारक के पूर्ण समावेश के साथ हर पक्ष को गहराई से समझना।
COP 28 – ऊर्जा सम्बन्धित निष्पक्ष, व्यवस्थित व न्यायसंगत आदान-प्रदान को त्वरित गति प्रदान करना
- वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.50 सेंटीग्रेड तक सीमित रखने के लिये ऊर्जा क्षेत्र को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करना एक प्रमुख आवश्यकता है, जिसके लिये ऊर्जा की मांग व आपूर्ति दोनों ही पक्षों में स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। साथ ही इस परिवर्तन को व्यवस्थित, निष्पक्ष व न्यायसंगत होने के साथ ही ऊर्जा सुरक्षा के प्रति उत्तरदायी होना भी जरूरी हैं।
- इस परिप्रेक्ष में हितधारकों के 28वे सम्मलेन (COP) के अध्यक्ष के द्वारा यूरोपीय संघ सहित 130 देशो के द्वारा समर्थित वैश्विक अक्षय ऊर्जा व ऊर्जा कार्यक्षमता संकल्प (Global Renewables and Energy Efficiency Pledge)
की नीव रखी गयी, जिसके अन्तर्गत सम्बद्ध राष्ट्रों के द्वारा साथ में मिल कर वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को 3 गुना करने, और वार्षिक ऊर्जा क्षमता सुधार दर को 4 प्रतिशत से अधिक करने के प्रति वचनबद्धता दर्शायी गयी। - साथ ही सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा सभी हितधारको के साथ मिल कर विभिन्न क्षेत्रों में उत्सर्जन को कम करने के लिये विशिष्ट प्रयासों की नीव रखी गयी। साथ ही हितधारकों के 28वे सम्मलेन की वैश्विक शीतलन वचनबद्धता (Global Cooling Pledge) में समाहित 66 राष्ट्रों के द्वारा वर्ष 2050 तक 2022 के सापेक्ष सभी क्षेत्रों में शीतलन सम्बन्धित उत्सर्जन में 68 प्रतिशत की कमी के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त की गयी। नवीनीकृत तथा सीमित कार्बन व हाइड्रोजन यौगिक ऊर्जा प्रमाणीकरण योजना (Certification Schemes for Renewable and Low-Carbon Hydrogen and Hydrogen Derivatives) से आच्छादित 37 राष्ट्रों के द्वारा एक दूसरे की प्रमाणीकरण व्यवस्था को मान्यता देने पर सहमति प्रदान की गयी। तेल एवं गैस के क्षेत्र में कार्बन न्यूनता घोषणापत्र (Oil and Gas Decarbonization Charter) से आच्छादित 52 राष्ट्रों के द्वारा वर्ष 2050 तक शून्यता लाने व 2030 तक सामान्यतः गैस को जला देने (flaring) की परम्परा पर नियन्त्रण पर सहमति व्यक्त की गयी।
- सम्मलेन में ऊर्जा उत्पादन व उपयोग सम्बन्धित पक्षों में बदलाव लाने के उद्देश्य से कोयले के बाद ऊर्जा गठबंधन (Powering Past Coal Alliance) के द्वारा सभी हितधारको को गठबंधन में सम्मिलित करने तथा हरित ऊर्जा के उत्पादन में तेजी लाने का संकल्प लिया गया। इस परिप्रेक्ष में फ्रांस के द्वारा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान, अनुभवों व श्रेष्ठ कार्यप्रणानियो के उपयोग तथा सार्वजनिक व निजी वित्तीय स्त्रोतों का उपयोग कर विश्व को कोयले से हरित ऊर्जा की ओर ले जाने के उद्देश्य से कोयला संक्रमण उत्प्रेरक (Coal Transition Accelerator) आरम्भ किया गया।
- इस परिप्रेश्य में नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन की वैश्विक क्षमता को वर्ष 2050 तक तिगुना करने की घोषणा (Declaration to Triple Nuclear Energy) को 22 राष्ट्रों के द्वारा सहमति प्रदान की गयी।
- अध्यक्ष राष्ट्र के द्वारा ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में वर्ष 2030 तक तेजी से बदलाव लाने के साथ ही मीथेन उत्सर्जन में कमी लाने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा अभिकरण (International Renewable Energy Agency) के साथ मिल कर सार्थकता हेतु शून्य गठबन्धन (Utilities for Zero Alliance) आरम्भ किया गया।
- उच्च स्तरीय समर्थको (High-Level Champions) के द्वारा हितधारकों के 26वे सम्मलेन में आरम्भ किये गये पथप्रवर्तक कार्यसूची (Breakthrough Agenda) को आगे ले जाने पर भी योगदान दिया गया। इस परिपेक्ष्य में कनाडा व संयुक्त राष्ट्र अमीरात द्वारा आरम्भ किया गया सीमेंट एवं कंक्रीट पथप्रवर्तक (Cement and Concrete Breakthrough) के द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधियों के आदान-प्रदान तथा मानकों व नीतियों के विकास के साथ ही कार्बन संग्रहण व भण्डारण के द्वारा कार्बन उत्सर्जन को कम करने को प्रोत्साहित करने के लिये किये जा रहे कार्यो की प्रगति का प्रस्तुतीकरण किया गया। शून्य स्पर्धा अभियान (Race to Zero Campaign) की 2023 आख्या के अनुसार हितधारकों के 26वे सम्मलेन के सापेक्ष सदस्यों की संख्या दो गुना हो गयी हैं और वर्तमान में 13500 गैर-दलीय हितधारक इसके सदस्य हैं।
- समुद्री व्यापर के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के उद्देश्य से हितधारकों के 28वे सम्मलेन में आरम्भ किये गये शून्य उत्सर्जन यान हेतु मालवाहक स्वामी (Cargo Owners for Zero Emission Vessels) से इस सम्मलेन में जहाजरानी क्षेत्र की 10 प्रमुख कम्पनिया सम्बद्ध हुयी और इसकी सदस्यता 35 हो गयी हैं। इसके साथ ही हरित जहाजरानी अफ्रीका गठबंधन (Green Maritime Africa Coalition) के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जहाजरानी संगठन (International Maritime Organization) की 2050 कार्बन शून्य योजना की ही तरह अफ्रीका के जहाजरानी क्षेत्र में शून्य उत्सर्जन ईधन की आपूर्ति व उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। जहाजरानी क्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न हितधारकों को अपने साथ जोड़ कर हरित जहाजरानी अफ्रीका गठबंधन (GMAC) कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु वैश्विक प्रयासों में अफ्रीका का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की प्रति प्रतिबद्ध हैं।
- लेटिन अमेरिका व कैरेबियाई नवीकरणीय केंद्र (Latin American and Caribbean Renewables Hub) से सम्बद्ध राष्ट्रों के द्वारा कुल विद्युत उत्पादन के सापेक्ष 2030 तक के लिये नियत नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम लक्ष्यों को 70 से बढ़ा कर 80 प्रतिशत किया गया हैं। इस प्रकार यह राष्ट्र 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा जरूरतों का 36 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से कर पायेंगे।
COP 28 – जलवायु सम्बन्धित वित्तीय व्यवस्था को ठोस स्वरुप प्रदान करना
- सार्वजनिक व निजी आर्थिक संसाधनों को जुटाना निश्चित ही महत्वपूर्ण हैं, परन्तु साथ ही विकासशील राष्ट्रो पर पड़ रहे कर्ज के बोझ के परिप्रेक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग व्यवस्था को सुधारना भी जरूरी हैं और इस बिंदु को हितधारकों के 27वे सम्मलेन में भी रेखांकित भी किया गया था।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत कई राष्ट्रो व संस्थाओ के द्वारा अन्य के अतिरिक्त हरित जलवायु कोष (Green Climate Fund), अनुकूलन कोष (Adaptation Fund), अल्पतम विकसित राष्ट्र कोष (Least Developed Countries Fund) तथा विशेष जलवायु परिवर्तन कोष (Special Climate Change Fund) के लिये आर्थिक योगदान की वचनबद्धता दर्शायी गयी।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष राष्ट्र के नेतृत्व में 13 राष्ट्रों के द्वारा संयुक्त राष्ट्र अमीरात की वैश्विक जलवायु की आर्थिक रूपरेखा (Global Climate Finance Framework) सम्बन्धित अध्यक्षीय घोषणा का समर्थन किया गया, जिसके अन्तर्गत सामूहिक कार्यवाही, सभी के लिये अवसर तथा अनुपात में उपलब्धता के द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में पूंजीनिवेश के अवसर उपलब्ध करवाये जाने हैं।
- उच्च स्तरीय समर्थको (High-Level Champions) के द्वारा किये गये जलवायु वित्तपोषण सम्बन्धित कार्यो का विवरण प्रस्तुत करते हुवे विशेष रूप से विकासशील देशो में जलवायु परिवर्तन सम्बन्धित परियोजनाओं को अर्थपूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिये निवेश के स्तर, गुणवत्ता व गति में वृद्धि लाने की आवश्यकता को दर्शाया गया। जलवायु वित्तपोषण सम्बन्धित स्वतन्त्र उच्च स्तरीय विशेषज्ञ दल के द्वारा स्वयं के ऋण के साथ ही निजी वित्तीय संसाधनों को संगठित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में निवेश के अवसर प्रदान करने के साथ ही वित्तीय व्यवस्था किये जाने के दृष्टिगत बहुपक्षीय विकास बैंको की भूमिका को रेखांकित किया गया।
- उच्च स्तरीय समर्थको (High-Level Champions) के नेतृत्व में बहुपक्षीय विकास बैंको व अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओ के द्वारा अध्यक्षीय घोषणा के समर्थन के साथ ही विशेष रूप से विकासशील देशो की आवश्यकताओं के दृष्टिगत दूरगामी आर्थिक उपकरण उपलब्ध करवाने हेतु गठित प्रकृति एवं पर्यावरण सम्बन्धित स्वायत्त वित्तपोषण हेतु ऋण बढ़ोत्तरी कार्यबल (Task Force on Credit Enhancement of Sustainability-Linked Sovereign Financing for Nature and Climate) का समर्थन किया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन में अनुकूलन व प्रतिरोध्यता हेतु निजी वित्तपोषण में तेजी लाने हेतु उचित व अनुकूल पर्वावरण उपलब्ध करवाये जाने पर भी सहमति व्यक्त की गयी।
- वैश्विक क्षमता विकास गठबंधन (Global Capacity Building Coalition) के द्वारा विकासशील देशो के वित्तीय संस्थानों के लिये जलवायु वित्तपोषण सम्बन्धित तकनीकी सहायता कार्यक्रमों की उपलब्धता व प्रभाविकता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शायी गयी।
- वैश्विक व्यापर को कार्बन मुक्त करने के साथ ही सार्वजनिक व निजी वित्तपोषण द्वारा संयुक्त प्रयासों के संवर्धन हेतु हितधारकों के 28वे सम्मलेन में खालिस शून्य निर्यात ऋण संस्था गठबंधन (Net-Zero Export Credit Agencies Alliance) का गठन किया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन में प्रकृति के संरक्षण हेतु नीतियों में परिवर्तन, व्यवहार्य व्यावसायिक प्रारूप की उपलब्धता तथा वित्तीय नवाचार के नियंत्रण के द्वारा आर्थिक संसाधनों की लामबंदी पर विशेष जोर दिया गया। इस परिपेक्ष्य में एशियाई विकास बैंक द्वारा एशिया व प्रशांत क्षेत्र में प्रकृति के संरक्षण व जैव विविधता हेतु सार्वजनिक व निजी वित्तपोषण में तेजी लाने के उद्देश्य से आरम्भ किया गया एशिया व प्रशांत हेतु प्राकृतिक समाधान केंद्र (Nature Solutions Hub for Asia and the Pacific) एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
COP 28 – व्यक्तियों, समुदायों, व जीवनयापन पर ध्यान केंद्रित करना
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के द्वारा विगत के आंकड़ों के सापेक्ष अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे तापमान के साथ बढ़ रही जलवायु-जनित आपदाओं की निरन्तरता व प्रभावों के दृष्टिगत विशेष रूप से उच्च घातकता वाले समुदायों के मध्य अनुकूलन व प्रतिरोध्यता सम्बन्धित पक्षों पर किये जा रही कार्यो में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की गयी। इस परिप्रेक्ष्य में हितधारकों के 27वे सम्मलेन में आरम्भ की गयी शर्म अल- शेख अनुकूलन रणनीति (Sharm el-Sheikh Adaptation Agenda) वर्ष 2030 तक 04 अरब व्यक्तियों में प्रतिरोध्यता लेन हेतु 30 वैश्विक अनुकूलन लक्ष्यो पर विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रहा हैं।
- इस परिप्रेक्ष्य अनुकूलन के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में वित्तीय व्यवस्था, निगरानी व्यवस्था, तापमान प्रतिरोध्यता तथा स्वास्थ्य अवसंरचना व सुविधाओं के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।
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- सम्मलेन में खाद्यान्न, खाद्य सुरक्षा व खेती सम्बन्धित पक्षों से जुड़ी योजनाओ के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये अन्य क्षेत्रों या स्थानीय योजनाओ व निवेशों के साथ एकीकृत किये जाने के अवसरों को तलाशने पर बल दिया गया। साथ ही प्रकृति के सम्बन्ध में प्रकृति आधारित समाधानों की सार्वभौमिक परिभाषा तथा निजी संस्थाओ हेतु लक्ष्यों के निर्धारण व प्रकृति से सम्बन्धित जोखिमों को प्रकट करने सम्बन्धित उन्नत मानकों के दृष्टिगत मानकों व मार्गनिर्देशों के रूप में सकारात्मक कार्यो की ओर ध्यान आकर्षित किया गया। आख्या के अन्तर्गत बीमा प्रदाता संस्थाओ, बैंको एवं निवेशकों के द्वारा कार्यवाही न किये जाने के जोखिमों के साथ ही अनुकूलन व प्रतिरोध्यता से सम्बन्धित नये अवसरों को स्वीकारने को भी संज्ञान में लिया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के पहले ही दिन क्षति से उबरने के लिये आर्थिक संसाधनों की व्यवस्था, कोष की स्थापना व परिचालन हेतु व्यवस्था पर सहमति के साथ ही अनेको राष्ट्रो व संस्थाओ के द्वारा इस हेतु संसाधनों की वचनबद्धता से जुड़ा यह पक्ष सौदेबाजी से क्रियान्वयन की ओर सुचारु परिवर्तन को दर्शाता हैं।
- विशेष रूप से उच्च घातकता वाले राष्ट्रों व समुदायों के सन्दर्भ में वांछित पैमाने व गति से जलवायु प्रतिरोध्यता हेतु सामूहिक कार्यवाही के सुदृढ़ीकरण के हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत जलवायु राहत, पुनर्प्राप्ति व शान्ति की संयुक्त अरब अमीरात घोषणा (UAE Declaration on Climate Relief, Recovery and Peace)
का 78 राष्ट्रो व 40 संस्थाओ द्वारा समर्थन किया गया। उनके द्वारा जलवायु अनुकूलन व प्रतिरोध्यता, श्रेष्ठ प्रथाओं, विधियों व कार्यप्रणालियों को समझने तथा बेहतर बनाने, और समन्वय, सहयोग व भागीदारी के सुदृढ़ीकरण हेतु धन की उपलब्धता बढ़ाने की वचनबद्धता के साथ हितधारकों के 29वे सम्मलेन में प्रगति की समीक्षा व आगे की कार्यवाही हेतु रणनीति बनाने पर सहमति व्यक्ति की गयी।
- साथ ही क्षेत्रवार अन्तर्सम्बन्धों के आवश्यकता को स्वीकारते हुवे 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा स्वास्थ्य व जलवायु के मध्य के सम्बन्धो के सुदृढ़ीकरण व समुदाय केन्द्रित प्रतिरोध्यता पर ध्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से पहली बार स्वास्थ्य दिवस को कार्यवाही रूपरेखा में सम्मिलित किया गया। वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ियों के लिये जलवायु प्रतिरोध्य विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण तथा प्रतिरोध्यता विकास व समुदाय की सम्पन्नता को समाविष्ट करने वाली स्वास्थ्य व जलवायु की संयुक्त अरब अमीरात घोषणा (UAE Declaration on Climate and Health) का 141 राष्ट्रों के द्वारा समर्थन किया गया।
- विकास लोगो की आजीविका की सुरक्षा के दृष्टिगत जलवायु परिवर्तन प्रभावों से सामंजस्य बैठा सकने वाले प्रतिरोध्य भोजन तंत्र के महत्त्व को समझते हुवे हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा प्रस्तावित तथा यूरोपीय संघ सहित 78 राष्ट्रो के द्वारा समर्थित चिरस्थायी कृषि, प्रतिरोध्य भोजन तंत्र तथा जलवायु कार्यवाही की संयुक्त अरब अमीरात घोषणा (UAE Declaration on Sustainable Agriculture, Resilient Food Systems, and Climate Action) के अन्तर्गत कृषको, मछुवारो एवं अन्य भोजन सामग्री उत्पादकों की जलवायु परिवर्तन सम्बन्धित घातकता के न्यूनीकरण हेतु अनुकूलन व प्रतिरोध्यता के सुदृढ़ीकरण तथा उच्च घातकता वाले समुदायों के लिये सहायता में वृद्धि के द्वारा भोजन सुरक्षा तथा पोषकता के संवर्धन के प्रति वचनबद्धता दर्शायी गयी। इस परिप्रेश्य में 200 प्रमुख संस्थाओ के द्वारा व्यक्तियों, प्रकृति व जलवायु के लिये भोजन व्यवस्था के रूपान्तरण के आव्हान (Call to Action for Transforming Food Systems for People, Nature and Climate) पर हस्ताक्षर किये गये।
- तापमान वृद्धि को 1.5 सेंटीग्रेड तक सीमित रखते हुवे भूख व सभी प्रकार के कुपोषण के निवारण के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के द्वारा 10 क्षेत्रों में 120 मुख्य क्रियाकलापों को चिन्हित करते हुवे वैश्विक कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी।
- प्रकृति व जलवायु परिवर्तन के मध्य के सम्बन्धो के सुदृढ़ीकरण के द्वारा उत्सर्जन न्यूनीकरण के साथ ही जलवायु प्रतिरोध्यता तथा समुदायों की आजीविका में संवर्धन के दृष्टिगत हितधारकों के 28वे सम्मलेन के उच्च स्तरीय समर्थको (High-Level Champions) के द्वारा जलवायु व प्रकृति हेतु एकीकृत कार्यवाही में सहयोग के उद्देश्य से प्रस्तुत जलवायु, प्रकृति एवं व्यक्ति विषयक संयुक्त वक्तव्य (Joint Statement for Climate, Nature and People) का संयुक्त अरब अमीरात व चीन सहित 18 राष्ट्रों द्वारा समर्थित किया गया।
- राष्ट्रों व हितधारकों के द्वारा प्रकृति आधारित जलवायु कार्यवाही और वनो व समुद्रो के सन्दर्भ में प्रकृति तथा जलवायु वित्तपोषण के पक्ष में प्रतिबद्धताओ व क्रियाकलापों के लिये पैरवी की गयी।
- वानिकी जलवायु परिवर्तन का आजीविका से जुड़ा पक्ष हैं। अतः हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत वनो व भू-उपयोग की 2021 की ग्लासगो घोषणा के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी गयी तथा आगे की कार्यवाही हेतु कोलंबिया, कांगो, घाना तथा पापुआ न्यू गिनी के द्वारा सार्वजानिक, निजी व अन्य हितधारकों द्वारा वित्तपोषण के माध्यम से वन, जलवायु एवं प्रकृति सम्बंधित राष्ट्रीय व्यवस्था की घोषणा की गयी।
- प्रतिरोध्यता हेतु स्पर्धा अभियान (The Race to Resilience campaign) के द्वारा विगत 02 वर्षो से मानव आधारित प्रतिरोध्यता विकास पर कार्य किया जा रहा हैं और उच्च स्तरीय समर्थको के नेतृत्व में प्रकाशित आख्या के अनुसार इसके अन्तर्गत वर्ष 2030 तक 3.17 अरब व्यक्तियों की प्रतिरोध्यता में संवर्धन किया जाना हैं।
- प्रतिरोध्यता एवं अनुकूलन सम्बंधित कार्यो की प्रगति के सन्दर्भ में हितधारकों के 27वे सम्मलेन में आरम्भ किये गये सभी के लिये पूर्व- चेतावनी (Early Warning for All) हस्तक्षेप की प्रगति आख्या के अनुसार अफ्रीका में पूर्व- चेतावनी व्यवस्था 2 गुना बढ़ने के बाद भी वैश्विक औसत से काफी कम हैं।
- प्रतिरोध्यता एवं अनुकूलन के साथ ही व्यक्तियों, जीवन व आजीविका के सन्दर्भ में भी कई स्तर पर कार्यवाही की जनि आवश्यक हैं। इस सन्दर्भ में हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा पहली बार स्थानीय जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मलेन (Local Climate Action Summit) का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत स्थनीय स्तर पर जलवायु वित्तपोषण में परिवर्तन, वैश्विक कार्यवाही में तेजी लाने, त्वरित ऊर्जा रूपान्तरण तथा प्रतिरोध्यता व अनुकूलन सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से सैकड़ो राष्ट्रीय व क्षेत्रीय जलवायु कार्यकर्ताओ द्वारा प्रतिभाग किया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा जलवायु कार्यवाही के उद्देश्य से बहु-स्तरीय उच्च महत्वाकांक्षा भागीदारी गठबंधन (Coalition for High Ambition Multilevel Partnership) आरम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत जलवायु रणनीतियों के नियोजन, वित्त पोषण, क्रियान्वयन एवं परिवीक्षण हेतु 65 राष्ट्रों के द्वारा उपयुक्तता व प्रासंगिकता के आधार पर क्षेत्रीय / प्रादेशिक सरकारों के साथ सहयोग के प्रति वचनबद्धता दर्शायी गयी।
- उच्च स्तरीय समर्थको के सहयोग से वर्ष 2030 तक शून्य उत्सर्जन व जलवायु प्रतिरोध्य भवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये फ्रांस एवं मोरक्को के द्वारा भवन नवाचार (Buildings Breakthrough) आरम्भ किया गया।
COP 28 – प्रत्येक हितधारक के पूर्ण समावेश के साथ हर पक्ष को गहराई से समझना
- जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से उच्च घातकता तथा अल्प प्रतिनिधित्व वाले समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता हैं। विश्व भर में सभी को उपयुक्त प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र की भावना के अनुरूप हैं। इस परिप्रेक्ष्य में हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा इस सम्मलेन को अब तक का सर्वाधिक समावेशी सम्मेलन घोषित किया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा युवा जलवायु रक्षक (Youth Climate Champion) की भी नियुक्ति के साथ ही दुबई युवा संवाद का भी आयोजन किया गया।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष तथा उच्च स्तरीय समर्थको के द्वारा लिंग उत्तरदायी न्यायोचित संक्रमण तथा जलवायु कार्यवाही गठजोड़ (Gender-Responsive Just Transitions and Climate Action Partnership) का आरम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत 78 राष्ट्रों के द्वारा लिंग समानता हेतु न्यायोचित व समावेशी परिवर्तनों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शायी गयी।
- साथ ही वैश्विक नेतृत्व के साथ ही निति निर्धारकों व प्रमुख हितधारकों से लिंग अनुकूल जलवायु व पर्यावरण प्रतिबद्धताओ के दृष्टिगत लिंग- पर्यावरण सम्बन्धित आंकड़े तैयार व उपयोग करने हितु कार्यवाही का अनुरोध किया गया।
- उक्त के अतिरिक्त हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत मूल निवासियों की प्रतिभागिता, समाविष्टता तथा नेतृत्व सुनिश्चित किये जाने हेतु किये जा रहे कार्यो को भी प्रदर्शित किया गया।
- तकनीक व क्षमता विकास भी हितधारकों की समाविष्टता सुनिश्चित करने का साधन हैं। हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत 5वे क्षमता विकास केन्द्र (5th Capacity-building Hub) के द्वारा क्षमता विकास से जुड़े विभिन्न हितधारकों के लिये समावेशी व आकर्षक मंच उपलब्ध करवाया गया। विशेष रूप से अधिकार आधारित जलवायु कार्यवाही हेतु क्षमता दिवस (Capacities for Rights-based Climate Action Day) के अन्तर्गत अधिकार आधारित सहभागी दृष्टिकोण को जलवायु कार्यवाही में एकीकृत कर समुदाय आधारित संस्थाओ, मूल निवासियों, स्थानीय समुदायों, युवा, बच्चो, व महिलाओ सहित अन्य हितधारकों की क्षमताओं में संवर्धन कर उन्हें समग्र रूप से जलवायु परिवर्तन सम्बन्धित विचार-विमर्श व कार्यवाही से जोड़ने के प्रयास किये गये। निजी वित्त क्षमता दिवस (Private Finance Capacities Day) के अन्तर्गत समाविष्टता को गति देने के लिये निजी वित्तपोषण की भूमिका पर भी विचार किया गया।
- तकनीकी कार्यकारिणी समिति (Technology Executive Committee) के द्वारा जलवायु परिवर्तन हेतु कृतिम बुद्धिमत्तता (Artificial Intelligence) सम्बन्धित उच्च स्तरीय आयोजन के अन्तर्गत कृतिम बुद्धिमत्तता के क्षेत्र में कार्य कर रहे पेशेवरों का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकृष्ट करने और उन्हें विशेष रूप से विकासशील देशो में जलवायु कार्यवाही सम्बन्धित समाधानों के विकास के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से कृतिम बुद्धिमत्तता नवाचार महा-चुनौती आरम्भ की गयी।
- अंत में सम्पूर्ण समाज व अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण के साथ जलवायु संरक्षण में समुदाय के सभी स्तरों की संलिप्तता सुनिश्चित करने हेतु हितधारकों के 28वे सम्मलेन में खेल, फैशन, मनोरंजन तथा संस्कृति के क्षेत्रों की भागीदारी रही और इनके द्वारा किये जा रहे कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया गया। विशेष रूप से जलवायु कार्यवाही हेतु खेल (Sports For Climate Action) के द्वारा खेल के माध्यम से जलवायु कार्यवाही हेतु समाज व प्रशंसकों की संलिप्तता की रणनीति प्रस्तुत की गयी। सम्मलेन में घोषित वैश्विक जलवायु कार्यवाही पुरुस्कारो (Global Climate Action Awards) के विजेताओं में नवाचार के माध्यम से समाज को चिरस्थायी, प्रतिरोध्य व बेहतर स्वरुप प्रदान करने के प्रयास कर रहे विश्व भर के युवा सम्मिलित थे।
COP 28 – अंत में
- क्रियान्वयन की अवधि में संकल्पो, वचनबद्धताओ, व घोषणाओं को नियोजित क्रियान्वयन के द्वारा मूर्तरूप दिया जाना चाहिये और संकल्पो, वचनबद्धताओ, व घोषणाओं में इंगित लक्ष्यों के सापेक्ष प्रगति के विवरण की आख्या उपलब्ध करवायी जानी चाहिये।
- इस परिप्रेक्ष्य में हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के द्वारा संस्थाओ को शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धता व लक्ष्य निर्धारित करने के उद्देश्य से शुद्ध-शून्य संक्रमण घोषणापत्र: निजी क्षेत्र हेतु संग्रहण उत्तरदायित्व (Net-Zero Transition Charter: Accountability Mobilization for the Private Sector) आरम्भ की गयी जिसके अन्तर्गत निजी क्षेत्र की संस्थाओ से ईमानदारी व उच्च गुणवत्ता द्वारा पोषित पारदर्शी व विश्वसनीय संक्रमण योजना तैयार करने तथा प्राप्त किये गये लक्ष्यों की समयबद्ध, परिशुद्ध, पूर्ण व पारदर्शी आख्या प्रकाशित करने की अपेक्षा की गयी हैं।
- सभी हितधारकों व हर प्रकार की वैश्विक जलवायु कार्यवाही के लिये उत्तरदायित्व निर्धारण अनिवार्य हैं। इस सन्दर्भ में हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत आरम्भ किये गये कुछ प्रयासों के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही व प्रगति पर विचार-विमर्श हेतु भविष्य में मिलने की प्रतिबद्धता दर्शायी गयी हैं। साथ ही अनेको गतिमान प्रयासों के अन्तर्गत उपलब्धियों व चुनौतियों को सम्मिलित कर प्रगति आख्या तैयार की गयी हैं, जो इस दिशा में एक सार्थक कदम हैं।
- पारदर्शिता उत्तरदायित्व निर्धारण का एक माध्यम हैं। संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन रूपरेखा समझौता (UNFCCC) हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अध्यक्ष के साथ मिल कर 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत आरम्भ किये गये प्रयासों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने की दिशा में कार्य करने के साथ ही लक्ष्यों, कार्यो व प्रगति सी जुडी जानकारियों को सार्वजनिक करने के लिये मंच उपलब्ध करवायेगा।
- हितधारकों के 28वे सम्मलेन के अन्तर्गत प्रगति की वैश्विक समीक्षा के उपरान्त जलवायु कार्यवाही को पेरिस समझौते के अनुसार 5 वर्षीय चक्रीय व्यवस्था के अनुरूप आरम्भ किया जायेगा। इस सन्दर्भ में तैयार की गयी 2023 जलवायु समाधान हेतु तैयार की गयी क्रियान्वयन रूपरेखा (2030 Climate Solutions: an Implementation Roadmap) के अन्तर्गत विशिष्ट कार्यो हेतु समाधान तैयार करने के साथ ही अनुकूलन में आ रही कठिनाइयों ने निवारण के साथ ही वर्ष 2030 तक जलवायु परिवर्तन कारको से घातकता से ग्रसित 04 अरब व्यक्तियों की प्रतिरोध्यता हेतु कार्ययोजना तैयार की गयी हैं।
- तैयार की गयी विभिन्न कार्ययोजनाओं का वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े सभी हितधारकों के सहयोग से उत्तरदायित्वपूर्ण क्रियान्वयन से इस निर्णायक दशक में जलवायु परिवर्तन सम्बन्धित लक्ष्यों को प्राप्त करने में निश्चित ही सफलता मिलेगी।
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